गुरुवार, 24 मई 2012

हम सबकी  गाडी-

बिना ड्राइवर के गाडी चलती देखी
वहां रिमोट भी नही है.....
कुचल रही है राहगीरों को,तोड रही है हरे पेडों को,
लेकिन गाडी रूकती नहीं है।
कुछ लोग अकेले से हैं,जो रोकने चले थे
मगर वो मंहगा पैट्रोल भी खरीद लेती है
रेत को ऊँचे दामों पर बेच देती है
ड्राइवर ये काम नहीं करता,
लेकिन उसका क्लंडर हर जगह माहिर है
पट्टी बाँध कर उसकी आँखों पर,
दौडाये जाता है क्लंडर
पीछे उडता है धूल का भवंडर
मगर लोग फिर मुंह साफ करते हैं
और अपने काम पर लग जाते हैं

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