शनिवार, 31 अगस्त 2013

trha ghazal..nhi chhodte tum satane ki aadat


तरहा ग़ज़ल
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नहीं छोडते तुम सताने की आदत  
बडी खूब यादों में आने की आदत। 

महब्बत को बदनाम करता रहा है,
सदा से यही है ज़माने की आदत। 

ये पहली महब्बत बडी जानलेवा,
जवानी को है भाग जाने की आदत। 

ये आदत कोई रोग गहरा नहीं है,
हमें है बहाने बनाने की आदत। 

तुम्हें याद रखता हूँ,आदत है आदत,
तुम्हें है मुझे भूल जाने की आदत...........सुजान
........................................#sujankavi

बुधवार, 21 अगस्त 2013

मेरे सब दोस्त मतलब देखते हैं…

मेरे सब दोस्त मतलब देखते हैं

मुहब्बत मेरी वो कब देखते हैं।

 

मेरी इनसानियत पहचानता कौन है,

सभी के सब तो मज़हब देखते हैं।

 

वो लडकी भूखी रस्सी पे चले है,

जमाने वाले करतब देखते हैं।।।।  -सुजान

बुधवार, 7 अगस्त 2013

हिंदी ग़ज़ल- दो शेर

कैसी भागादौडी है कैसा ये ज़मघट हो गया।
कैसे दुर्घटना घटी सब कुछ ही झटपट हो गया।।

लूटने में सब लगे,आपस में अपने देश को,
कुछ नहीं छोडा कंही भी,देश चौपट हो गया।।    - सुजान

नई कविता( दूध देती गाय)

दूध देती गाय

हम पीते चाय।

रोज स्कूल जाते,

मम्मी को करते बॅाय-बॅाय।।

………………………………………….सुजान

मंगलवार, 6 अगस्त 2013

नई कविता—अच्छे बच्चे

अच्छे बच्चे बात नहीं भूलते 

गेट पर नहीं झूलते ।

अपना काम खुद करते हैं

पढाई से कभी नहीं डरते हैं।।

…………………………………………….. सुजान