शनिवार, 27 जनवरी 2018

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर कवि सम्मेलन व तफ्ता जारी की पुस्तक दर्द का रिश्ता व अदबी संगम कुरूक्षेत्र की पुस्तक काव्यांजलि का विमोचन हुआ।

जिला प्रशासन कुरुक्षेत्र द्वारा गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पंचायत भवन कुरुक्षेत्र में कवि सम्मेलन मुशायरा का आयोजन किया गया जिसका विधिवत से उद्घाटन कुरुक्षेत्र उपायुक्त सुश्री सुमेधा कटारिया जी ने किया । कवि सम्मेलन का संचालन कैथल से पधारे डॉ प्रदुमन भल्ला ने किया ।
मुख्य अतिथि सुश्री सुमेधा कटारिया जी रही और विशिष्ट अतिथि के रूप में सी. टी. एम. श्री कंवर सिंह जी और डी.डी.पी. ओ. श्री कपिल शर्मा जी रहे।
अन्य कवियों में दिनेश बंसल पूंडरी से ,गुलशन ग्रोवर अदबी संगम के उपप्रधान,डॉक्टर संजीव अंजुम सचिव अदबी संगम कुरूक्षेत्र,सूबे सिंह सुजान ,कोषाध्यक्ष अदबी संगम कुरूक्षेत्र , गायत्री कौशल ,डॉ बलवान सिंह ,सुधीर डांडा ,ममता सूद ,कविता रोहिल्ला डॉक्टर शकुंतला शर्मा, डॉक्टर के के ऋषि, ओमप्रकाश राही ,दीदार सिंह कीर्ति, मोतीराम तुर्क,डॉ राकेश भास्कर , योगेशवर जोशी,सुधीर, बी एल अरोड़ा,आर के शर्मा,करनैल खेड़ी आदि कवियों ने अपनी देशभक्ति से परिपूर्ण रचनाएं पढ़ी । डॉ के के ऋषि ने अपनी उर्दू ग़ज़लों से सबका मन मोह लिया ।उसके बाद उन्होंने डॉ सत्य प्रकाश तफ़्ता ज़ारी की ग़ज़ल पढ़ी क्योंकि तफ़्ता ज़ारी जी की हालत बहुत नाजुक होने के कारण उनकी नयी पुस्तक से उनकी ग़ज़ल डॉ के के ऋषि ने पढ़ी ।
डॉ बलवान सिंह ने देशभक्ति कविता सुनाकर व सुजान ने देशभक्ति गीत सुनाकर,संजीव अंजुम ने ग़ज़ल,गायत्री कौशल आर्य ने कविता से सबको तालियाँ बजाने पर मजबूर किया ।

इसके साथ ही इस अवसर पर सुश्री सुमेधा कटारिया के कर कमलों से डॉ सत्य प्रकाश तफ़्ता ज़ारी का गजल संग्रह "दर्द का रिश्ता"का व अदबी संगम कुरूक्षेत्र का पांचवा सांझा काव्य संग्रह "काव्यांजलि" का विमोचन सुश्री सुमेधा कटारिया जी के कर कमलों से हुआ ।
जिसमें अदबी संगम कुरूक्षेत्र के रचनाकारों, कवियों की प्रतिनिधि रचनाएं शामिल हैं इस अवसर पर सुश्री सुमेधा कटारिया जी ने सभी कवियों को सम्मानित किया और धन्यवाद करते हुए ऐसे कार्यक्रमों की आवश्यकता पर जोर दिया उन्होंने कहा कि फेसबुक,सोशल मीडिया के समय में हमारी पुस्तक संस्कृति पर गहरा असर पड़ा है हमें कोशिश करनी होगी कि इस दौर में पुस्तक संस्कृति बनी रहे ,बच्चों से पुस्तकें दूर ना हटे पुस्तकें हमारी सबसे बड़ा मित्र होती हैं ।


शनिवार, 13 जनवरी 2018

परिचय

    परिचय
 हम परिचित व अपरिचित को
बिना मांगे ही बेहद झूठा
अपना परिचय देते हैं

यह जानते हुए भी कि सामने वाले को पता है कि तू झूठा कह रहा है ।
फिर भी हम बढ़ चढ़ा कर अपन परिचय देने में लगे रहते हैं

सबको,सबका,सब पता है ।
फिर भी .....

सूबे सिंह सुजान