शुक्रवार, 12 सितंबर 2014

सोमवार, 8 सितंबर 2014

बेमौसमी बादल

अब खतरनाक हो गया बादल
या कहें बेलगाम है पागल

कोई तो इन्द्र को ये समझाये,
कर रहा है किसान को घायल

आसमाँ ने कहा शराबी है,  

मेघ नाचे है बाँध कर पायल 

ओ रे मूर्ख खडी फ़सल को देख,

बालियों में है धूधिया चावल 

गडगडाहट करे, डराये है,

बिजलियाँ हो रही तेरी कायल 

 

मौलिक व अप्रकाशित

बुधवार, 3 सितंबर 2014

हिन्दी गीत

आओ हिन्दी पढें-पढायें हम..

मिलके हिन्दी के गीत गायें हम....

जैसा लिखते हैं वैसा उच्चारण,

इसलिये हिन्दी को करें धारण

विश्व को आओ सच बतायें हम..

मिलके हिन्दी के गीत गायें हम.....

सभ्यता लिप्त हिन्दी भाषा में

एक इतिहास जिसकी गाथा में 

अपनी गाथायें मत भुलायें हम...

आओ हिन्दी पढें-पढायें हम.....

संस्कृत रक्त में समायी है

देव भाषा वही बनायी है

अपने सम्मान को बढायें हम..

आओ हिन्दी पढें पढायें हम....

मौलिक व अप्रकाशित