शुक्रवार, 8 जनवरी 2021

राजनीति

 #राजनीति जिस पद के लिए कोई व्यक्ति नामित नहीं है वह मना कर रहा है वह न कभी उस पद के लिए कैंडिडेट था और न है और फिर भी उसके नाम को उछाल कर, उस पर झूठे आरोप लगा कर,कोई अपने लिए वोट मांगते हैं तो क्या कारण हो सकते हैं?

1 कहीं न कहीं उस व्यक्ति से उनको डर है?


2 उनके पास अपना कोई काम नहीं है जिससे वे कह सकें हमने यह किया है या वह किया है?


3 उनके अपने कोई गुण नहीं हैं, उनके अपने किए कोई काम नहीं हैं, या वे चरित्रहीन हैं, उनके पास कोई ऐजेंडा नहीं है?

 

4  जब कोई व्यक्ति कैंडिडेट ही नहीं तो उससे तुलना किस आधार पर?

लेकिन मजेदार बात यह है जो ऐसे व्यक्ति पर आरोप लगा रहे हैं वह कभी कोई तुलना में काम किए ही नहीं?


इस प्रकरण में उन लोगों या वोटरों पर सारी जिम्मेदारी आ जाती है जो निर्णायक हैं वो क्या सोचते हैं? क्या करते हैं? क्या वो ऐसे व्यक्तियों को चुनेंगे जिनका कोई अनुभव नहीं है? जिनका कोई चरित्र नहीं है? जिन्होंने पूरे काम करने के समय में कभी कोई न काम किया न साथ दिया और चुनाव के समय पद मांगने के लिए दौड़े और हर वोटर को अलग अलग जाति, विचारों के टीके लगाने लगे हैं? यदि वह लोग कोई काम करते और स्वयं को उदाहरण के रूप में पेश करते तो बात समझ में आती और सोचने पर मजबूरी होती लेकिन यह केवल चुनाव के समय सामने आते हैं और अपने हित साधने में लग जाते हैं?


ध्यान देने योग्य बात यह है कि जो लोग चयन करेंगे,जो वोटर हैं वह ऐसी हालात में क्या निर्णय लेंगे? और जब वह वोटर समाज को दिशा देने वाला पढ़ा लिखा वर्ग है तो और भी सोचनीय हो जाता है?


इस सब के बावजूद भी यहां ऐसा भी हो सकता है कि लोग ऐसे व्यक्तियों को चुन लें क्योंकि ऐसा भी कईं बार होता आया है। लेकिन हर बार नहीं होता। 

यदि लोग जागरूक हों, चिंतन मनन करने वाले हों, सबका या समूह का , देश का भला सोच सकते हों तो ऐसा नहीं हो सकता है।