सोमवार, 13 अगस्त 2012

Akesios - Blog

Akesios - Blogसोमवार, 13 अगस्त 2012बम फटा था निशान बाकी है।
बम फटा था निशान बाकी है

पूछ ले कोई जान बाकी है।।

जितना सामान ता वो लूट लिया,

मेरे दिल की दुकान बाकी है।।

देश का हाल इस तरह का है,

टूटी तलवार,म्यान बाकी है।।

मैं मरूँगा नहीं किसी हालात,

मुंह में जब तक जबान बाकी है।

हमने लूटा जमीं,हवा,पानी,

लूटना आसमान बाकी है।।

दोनों के बीच में मरा मज़हब,

हिन्दू और मुस्लमान बाकी है।।

अपना अनशन भी बेनतीज़ रहा,

क्या अभी इत्मिनान बाकी है।।

मारने में कोई क़सर तो नहीं,

फिर भी कैसे सुजान बाकी है।।

सूबे सिंह सुजान

13.08.2012

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