बुधवार, 6 जून 2012

गीत- मेरे साँई मेरे साँई, मेरे साँई मेरे साँई….

मेरे साँई मेरे साँई, मेरे साँई मेरे साँई….

 

मेरे साँई तेरे ऊपर हमें अभिमान रहता है

तेरे होने से हर इंसान में इंसान रहता है

मेरे साँई मेरे साँई, मेरे साँई मेरे साँई….

 

कभी दुख है कभी सुख है यही जीवन की धारा है

हमें जो कुछ मिला तुमसे, वही सच में तुम्हारा है

कली को फूल को ,सबको तुम्हारा  ही सहारा है

तुम्हें पाना जगत के जीव का अरमान रहता है…………

मेरे साँई मेरे साँई, मेरे साँई मेरे साँई……………………..

मेरे साँई तेरे ऊपर हमें अभिमान रहता है

तेरे होने से हर इंसान में इंसान रहता है

मेरे साँई मेरे साँई, मेरे साँई मेरे साँई….

 

हरिक रिश्ते से न्यारा आपका अहसास कैसा है

बिना देखे तुम्हें जाना है ये विश्वास कैसा है

कहीं रोना कहीं हंसना तेरा उल्लास कैसा है

मेरे साँई तेरे ऊपर हमें अभिमान रहता है

तेरे होने से हर इंसान में इंसान रहता है

मेरे साँई मेरे साँई, मेरे साँई मेरे साँई….

                                                गीतकार—सूबे सिंह सुजान

 

गाँव- सुनेहडी खालसा

डाक. सलारपुर-पिन-136119

जिला कुरूक्षेत्र,

मों 09416334841

9017609226

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