my poetry मेरी गजलें और कवितायें
धूप का बोझ सर पर उठा कर चला………..
देखिये वो बडा हौंसला कर चला…………….
मैं वफा की इबादत करूँ कब तलक,
बेवफा तू मुझे बेवफ़ा कर चला……….सुजान
कृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिएडैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो NO करें ..सेव करें ..बस हो गया .संजय कुमार हरियाणा http://sanjaybhaskar.blogspot.com
धन्यवाद.........सहायता के लिये
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संजय कुमार
हरियाणा
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