लोग सब शिक्षा की बात करते हैं और ऐसी बातें करते हुए बहुत अच्छे लगते हैं कभी कभी इन्हीं लोगों को साल भर में चुपचाप अपने तरीके से ध्यान से देखना क्या यह लोग उस समय के बाद ऐसे काम करते हुए पाए जाते हैं?
अनेकों अनेक संस्थाओं में काम करने वाले, अनेकानेक विशेष स्थानों पर, विशेष उपाधियों पर, विशेष पुरस्कारों से लैस लोग आपको सुर्खियों में मिलेंगे....
लेकिन आप इन लोगों को सामान्य, रोज़मर्रा के कामों को करते देखना यह क्या करते हैं यदि आप इस तरह ध्यान से देख पाएंगे तो ही आप इनको जान पाएंगे, पहचान पाएंगे।
सब हर जगह पर,एक जैसे कभी नहीं हो सकते यही प्रकृति ने सबसे अच्छी बात बनाई है इससे ही हमारे रहने का, जीने का, समानता का, पनपने का और प्रसन्नता का रहस्य कहिए.... वरना आप जी भी नहीं पाते... शिक्षा, विचार सबसे महत्वपूर्ण इसलिए हैं कि यही साधन है जो हमें सब उन्नति की ओर लेकर आए हैं और आगे भी ले जाएंगे।
मनुष्य शिक्षा से व्यवहार और विचारों को प्राप्त करता है लेकिन अंग्रेजी, विदेशी शिक्षा में चापलूसी, प्रतिस्पर्धा इससे आगे चलकर दूसरों को पीछे धकेलने, गरीब रखने और अपने काम के लिए क़त्ल तक करने की शिक्षा दी है और यह शिक्षा मानव विरोधी ही नहीं यह प्रकृति, पर्यावरण विरोधी भी है।
कुछ लोग, विचारधारा ऐसी रहीं हैं और अब भी मौजूद हैं वह सर्वे भवन्तु सुखिन सर्वे शंतु
निरामया की भावना से द्वेष करने का अनुवाद करते रहे हैं और क़त्ल करने को कानूनी मान्यता देते रहे हैं इन विचारधाराओं में हम सामान्य लोग अंतर नहीं कर पाए या साहस नहीं कर पाए यह सोचना बहुत जरूरी है।
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