my poetry मेरी गजलें और कवितायें
रंग से अंग जो बनाये हैं।
आज सब लोग देखने आये हैं।।
पाँव में घुँघरू बजाये हैं,
लोग पागल बडे बनाये हैं।
रंग, पिचकारी, कोरडा मारे,
आज गलियों में हम भगाये हैं।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें