my poetry मेरी गजलें और कवितायें
कैसी भागादौडी है कैसा ये ज़मघट हो गया। कैसे दुर्घटना घटी सब कुछ ही झटपट हो गया।।
लूटने में सब लगे,आपस में अपने देश को, कुछ नहीं छोडा कंही भी,देश चौपट हो गया।। - सुजान
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