बुधवार, 19 दिसंबर 2012

hydrabad..हैदराबाद शहर

मुझे दिसम्बर 2012 में हैदराबाद,आंध्र प्रदेश जाने का अवसर मिला यह पहला अवसर था जब मैं पहली बार दक्षिण भारत के किसी शहर में गया। सुना था कि यह नवाबों का शहर है लेकिन मैं इस शहर की नवीन शैली,हाईटेक सिटी व इसकी पुरानी सभ्यता का महान सिलसिला तथा आज के दौर का शहर सब कुछ बहुत ही सुन्दरता के साथ मन को सुशोभित कर रहा था  वर्तमान समय शहर बहुत ही सुन्दर व सडकें एकदम से स्वस्थ,कंही भी किसी प्रकार का कोई कट नहीं। मौसम ने तो शहर में चार चाँद लगा रखे हैं।धूल नाम की चीज नहीं।

अगर हम हरियाणा से हैदराबाद का मुकाबला करें तो पायेंगे कि हरियाणा तो बहुत ही पिछडा नजर आयेगा। जबकि हरियाणा के गाँव आंध्र प्रदेश के गाँवों से बेहतर है। लेकिन केवल हैदराबाद का मुकाबला गुडगाँव भी नहीं आता।।

दूसरा – मैं रात के बारह बजे भी जब शहर में  घूम रहा था तो पाया कि यहाँ लडकियाँ आधी रात तक भी सुरक्षित हैं। जबकि हरियाणा में घर में भी असुरक्षित हैं।भारत में यह अन्तर देखकर हैरानी होती है। कुल मिला कर मैं कह सकता हूं कि हैदराबाद संस्कृतियों का संगम है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें