my poetry मेरी गजलें और कवितायें
ऐ- दोस्तो बहुत ही नुकीली है जिन्दगीहिम्मत तो देखिये फिर भी जी ली है जिन्दगीसब दाल भात इसमें पकाया जा सकता है,चूल्हे पे रक्खी एक पतीली है जिन्दगी
एक शेर खास…….
फिर रात मेरे पास में बैठी चली गई।कैसा हूँ,दिल की बात भी पूछी चली गई।
बड़ी बेबफा है रात.
... बेहद प्रभावशाली अभिव्यक्ति है ।
बड़ी बेबफा है रात.
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