गुरुवार, 8 सितंबर 2011

गजल-12-

गजल-12-( सीने में आग ) गजल संग्रह से----
जुर्म कोई भी छुपाया नहीं जाता मुझसे

झूठ का बोझ उठाया नहीं जाता मुझसे

खून के आंसू जब आयें हों मेरे होठों पर,

मुस्कुराहट को सजाया नहीं जाता मुझसे

याद आती है तेरी सादगी,तेरी मुस्कान,

तेरी बातों को भुलाया नहीं जाता मुझसे

जिन चिरागों ने मुझे जलना सिखाया यारो,

उन चिरागों को बुझाया नहीं जाता मुझसे

मैं बहुत रोया हूँ दुनिया के सितम सह-सहकर,

दिल किसी का भी दुखाया नहीं जाता मुझसे

सूबे सिहं सुजान

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