कितनी बातें दबा रक्खी हैं दिल में
जिनके कारण हूँ आज मुश्किल में
तुमको जब भी मैंने सोचा
फिर अपने दिल को खोजा
...तुम थी, दिल गुम था.
ये क्या रोडा अटका मेरी मंजिल में.........तुमको..
धरती पर हूँ चाँद को देखने के लिये
बता चाँद पर जाऊं मैं किसलिये
धरती भी है चाँद भी है तुम भी हो
ताकि तुम रहो हर पल साहिल में......तुमको...........
सूबे सिहं सुजान
किशोर जी की याद में उनकी तर्ज में ये गीत भी गुनगुनओ.....
जिनके कारण हूँ आज मुश्किल में
तुमको जब भी मैंने सोचा
फिर अपने दिल को खोजा
...तुम थी, दिल गुम था.
ये क्या रोडा अटका मेरी मंजिल में.........तुमको..
धरती पर हूँ चाँद को देखने के लिये
बता चाँद पर जाऊं मैं किसलिये
धरती भी है चाँद भी है तुम भी हो
ताकि तुम रहो हर पल साहिल में......तुमको...........
सूबे सिहं सुजान
किशोर जी की याद में उनकी तर्ज में ये गीत भी गुनगुनओ.....
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