मंगलवार, 2 अगस्त 2011

गजल

उसकी आँखों ने मेरी आँखों को धोखा दे दिया
मुझसे लेकर प्यार सच्चा, मुझको झूठ दे दिया
दिल के रिश्ते तोडता है, जोड जो सकता नहीं
कम नहीं होता कभी, क्यूं दर्द ऐसा दे दिया
उसकी मीठी मुस्कुराहट पर फिदा हो मैंने तो,
इस जवानी का निगौडा प्यार पहला दे दिया

                                        सूबे सिहं सुजान

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