गुरुवार, 1 फ़रवरी 2018

महँगाई का रोना छोड़ दें ।

जिन लोगों के पास कार है और रोज पैट्रोल के लिये पैसे हैं , जो लोग चार महीनों में मोबाइल बदल लेते हैं , जो लोग महँगे से महँगा सोने का आभूषण खरीदते हुये थोड़ा सा भी घबराते नहीं,  वे लोग अनाज, सब्जियों , दालों के रेट पर रोते देखे जाते हैं ।

                                            देश के लिये , देश की जनता के लिये  महँगाई पर रोना छो़ड़ दें ।
क्योंकि जो व्यक्ति आपको जीवन जीने का पहला संसाधन , रोटी, कपड़ा , मकान देता  है आप सबसे कम कीमत उसको दे रहे हैं  अपने अंदर झाँक कर देखिये सच से आँखें मिला कर देखिये।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें