वो लडकियों से नफ़रत तो नहीं करते
लेकिन बेटे से प्यार तो करते हैं
वो ऐसे माँ-बाप हैं, जो
अपनी शादी के लिये
तो सुन्दर लडकी की तलाश में निकलते हैं
लेकिन अपने घर में लडकी नहीं देख सकते
बेटे की चाह में वे….
तांत्रिकों तक जा पहुंचते हैं
और अपनी बुद्दि को ठेके पर दे देते हैं
और फिर शुरू करते हैं
दूसरों के बेटों का क़त्लेआम
और फिर भी बेटा नहीं पाते
लेकिन जब कोई दिखने में बेवकूफ
और सच में सही तांत्रिक मिलता है
जो उनकी रग को पहचान कर
करता है डाक्टरी इलाज……..,…………
और उस पुरूष को पहचान कर
उसकी स्त्री से करता है सम्बन्ध
और कर देता है उसे गर्भवती
मिलता है उनको पुत्ररत्न
वे खुश हो जाते हैं
तांत्रिक की विधा पर
न्योछवर करते हैं और भी बहुत कुछ
लेकिन वो स्त्री जानती है
कि कैसे प्राप्त हुआ है पुत्र
और पहचानती है पुरूष की मानसिकता को
नहीं बोलती कभी भी बडा सच
कैसा उबड-खाबड और समुद्र सा है
उसका सीना…..
कौन जाने क्या –क्या होता है
उसके सीने के पार भी…………….
…….सूबे सिंह सुजान…..
लेकिन बेटे से प्यार तो करते हैं
वो ऐसे माँ-बाप हैं, जो
अपनी शादी के लिये
तो सुन्दर लडकी की तलाश में निकलते हैं
लेकिन अपने घर में लडकी नहीं देख सकते
बेटे की चाह में वे….
तांत्रिकों तक जा पहुंचते हैं
और अपनी बुद्दि को ठेके पर दे देते हैं
और फिर शुरू करते हैं
दूसरों के बेटों का क़त्लेआम
और फिर भी बेटा नहीं पाते
लेकिन जब कोई दिखने में बेवकूफ
और सच में सही तांत्रिक मिलता है
जो उनकी रग को पहचान कर
करता है डाक्टरी इलाज……..,…………
और उस पुरूष को पहचान कर
उसकी स्त्री से करता है सम्बन्ध
और कर देता है उसे गर्भवती
मिलता है उनको पुत्ररत्न
वे खुश हो जाते हैं
तांत्रिक की विधा पर
न्योछवर करते हैं और भी बहुत कुछ
लेकिन वो स्त्री जानती है
कि कैसे प्राप्त हुआ है पुत्र
और पहचानती है पुरूष की मानसिकता को
नहीं बोलती कभी भी बडा सच
कैसा उबड-खाबड और समुद्र सा है
उसका सीना…..
कौन जाने क्या –क्या होता है
उसके सीने के पार भी…………….
…….सूबे सिंह सुजान…..
आदरणीय बहुत ही सही बात लोखी आपने | पुय्र मोह से घिरा समाज कब जागेगा ? नारी की विवशता खुव लिखी आपने -- ऐसे अनेक किस्से समाज में देखने सुनने में आया करते हैं ------- बहुत शुभकामना आपको ------
जवाब देंहटाएं