my poetry मेरी गजलें और कवितायें
आजकल इस देश में हर बात ही विपरीत है।चोर पर आरोप तो, आरोपी भी अभिनीत है।।
भौंकते हैं हर तरफ शालीन कुत्ते बेवज़ह,दोस्तो अपने लिये यह शौक़ का ही गीत है।। ..सुजान
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