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खूबसूरत किसे कहा जाये।
सोचकर कोई फैसला लिया जाये।।
सोचिये खूबसूरती क्या है,
देखकर अब उसे हंसा जाये।।-----सुजान
रविवार, 15 सितंबर 2013
मुक्तक---खूबसूरत
शनिवार, 14 सितंबर 2013
मुक्तक--
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सुनो। अब आदमी बेखौफ होकर बात करते हैं।
यहाँ मन्दिर व मस्जिद,और पत्थर बात करते हैं।।
ज़माना ढूँढता है जिस खुदा को वो नहीं मिलता,
खुदा से तुम नहीं वो आपके डर बात करते हैं।।
बुधवार, 4 सितंबर 2013
क़िता—आजकल इस देश में हर बात ही विपरीत है।
आजकल इस देश में हर बात ही विपरीत है।
चोर पर आरोप तो, आरोपी भी अभिनीत है।।
भौंकते हैं हर तरफ शालीन कुत्ते बेवज़ह,
दोस्तो अपने लिये यह शौक़ का ही गीत है।। ..सुजान
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