गुरुवार, 7 अगस्त 2025

हिंदी पर मुसलसल ग़ज़ल - सूबे सिंह सुजान

 हिंदी पर मुसलसल ग़ज़ल -


अपना स्वदेश भाव हिंदी में 

एकता का बहाव हिंदी में।

देश में रोज़गार या व्यापार,

और ही और बढ़ाव हिंदी में।

दादा, माता पिता बहन भाई, 

प्रेम, संबंध चाव हिंदी में।

सारी भाषाओं की यही सिरमौर,

जोड़ने का लगाव हिंदी में।

मन वचन कर्म भारतीय रही 

ऐतिहासिक रखाव हिंदी में।

भावनाओं का एक संगम है,

शत्रुता का अभाव हिंदी में।

कुल की रक्षा सदैव करती है,

चौधरी का दबाव हिंदी में।

देश भारत को जोड़ने का है,

सबसे ज़्यादा प्रभाव हिंदी में।


सूबे सिंह सुजान



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