मंगलवार, 26 नवंबर 2024

दर्द के पत्थर

 दर्द के बारीक टुकड़े टुकड़े कर देना,

वरना ये पत्थर उठाये ही नहीं जाते।


सूबे सिंह सुजान


गुरुवार, 21 नवंबर 2024

बांटते बांटते हुए लोगो।

 दफ़्तरों में दबे हुए लोगो।

कब उठोगे,मरे हुए लोगो।


एक दीवार तो खड़ी है अभी,

कुछ करो,कुछ बचे हुए लोगो।


चापलूसी को काटो, बढ़ती है,

बोलिए,देखते हुए लोगो।


तुम कहीं जा के सो न पाओगे,

भागते भागते हुए लोगो।


कैसे खामोश हो गए सारे?

बोलते बोलते हुए लोगो ।


अब तुम्हें वक्त ख़त्म कर देगा,

बांटते बांटते हुए लोगो।


सूबे सिं



ह सुजान

मंगलवार, 5 नवंबर 2024

नमामि गंगे नमामि गंगे। गंगा नदी पर गीत।

 नमामि गंगे नमामि गंगे, नमामि गंगे नमामि गंगे।

तुम्हारी कृपा से जी रहे हैं ,

हर एक तन में तुम्हारा जल है।

तुम्हीं तो जीवन बना रही हो,

तुम्हीं से कल था, तुम्हीं से कल है।


कहीं पे मछली कहीं मगरमच्छ ,

कहीं पे मेंढक उछल रहे हैं।

हजारों लाखों करोड़ों जीवन,

तुम्हारी गोदी में पल रहे हैं।


जटा से शिव की हुई प्रवाहित 

लहर लहर सी लहर गई हैं 

असंख्य नाले असंख्य नहरें,

इधर गई हैं उधर गई हैं।



सूबे सिंह सुजान 


राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालय हथीरा, कुरूक्षेत्र, हरियाणा 


E mail - subesujan21@gmail.com 


Mo



bile number 9416334841