तेरी खुशी के लिए जन्मदिन मनाना है
तेरी खुशी ही मेरे जीने का बहाना है।
पता नहीं मुझे तारीख़, क्या महीना था,
खुशी की बात है दुनिया में आना जाना है।
तो मास्टर ने ही इक्कीस फ़रवरी लिख दी,
अब उम्र भर इसी दिन को ही आज़माना है।
जो लोग मिलके,बिछड़ने के बाद याद आये,
जरूर उनसे ही रिश्ता कोई पुराना है।
पसंद कर मुझे या नापसंद भी करना ,
मगर यहां किसी का कुछ नहीं ठिकाना है।
ये उम्र भर के लिए बात याद रखना "सुजान"
चला जहां से, वहीं के लिए रवाना है।
सूबे सिंह सुजान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें