जन्म से हर कोई सवाली है
बुद्धि से कोई भी न ख़ाली है।
उसने पगड़ी अगर उछा
ली है,
फिर तो वो आदमी मवाली है।
सूबे सिंह सुजान
जन्म से हर कोई सवाली है
बुद्धि से कोई भी न ख़ाली है।
उसने पगड़ी अगर उछा
फिर तो वो आदमी मवाली है।
सूबे सिंह सुजान
साहित्य विस्तृत है वह अनेकों विद्याओं का वाहक है जिसका उद्देश्य विचार को वैश्विक स्तर पर वास्तविक रूप में प्रसारित करना है ताकि जन जन को सत्य जानने का अवसर मिले।