<*महान व्यक्तित्व को पूजने से पहले उसके विचारों को समझना जरूरी है*
किसी भी महापुरुष,महान व्यक्तित्व को बिना समझे ही पूजने से ही गलती शुरू होती है ।
उनके विचारों को समझना जरूरी है वो अपने विचारों में जिंदा हैं और हम जिंदा रूप को देखना,सुनना नहीं चाहते जबकि मूर्त रूप को प्राथमिकता देते हैं ।
क्योंकि हम कर्महीनता के शिकार हैं यदि हम आम्बेडकर के विचारों पर चलेंगे तो हमें कर्म करना होगा और यही कर्म हम करने से बचना चाहते हैं
*मनुष्य स्वभाव से ही केवल सुविधाएँ चाहता है वह भी दूसरों से*
*सूबे सिंह सुजान* dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
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