my poetry मेरी गजलें और कवितायें
जब राजनीति हाथ पसारे दिखाई दे।
जब अपना भी किनारे-किनारे दिखाई दे।।
उस वक़्त राजनीति में नेता को छान लो,
बेदाग,साफ जो हो उसे नेता मान लो ।।
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