वायु की दिशाएं रोग व उनके निदान तय करती हैं।
एक भारतीय किसान हवा के दिशाओं की ओर से बहने के लाभ व हानि को सदियों से जानते हैं और उनका अपनी फसलों के लिए प्रयोग करते आए हैं ।
जैसे पश्चिमी दिशा से बहने वाली वायु मनुष्य ही नहीं सभी फ़ैसलों, वनस्पति और पृथ्वी पर सभी प्राणियों को स्वास्थ्य प्रदान करती है और वहीं पूर्व दिशा की वायु इसके विपरित रोग को,रोग पैदा करने वाले कीट को पैदा करती है।
यह सब किसान बेहतर जानते हैं और यह उन्होंने अपने अनुभवों से सीखा गया है यह प्रकृति की प्रक्रिया के साथ आत्मसात होकर सीखा जाता है यह अत्यधिक समर्पण द्वारा सिद्ध होता है। यह विज्ञान ही तो है जिसे किसान अपने जीवन में प्रयोग करते रहे हैं।
यह उनकी शिक्षा ही है तो क्या हम केवल अंग्रेजी मानसिकता से दी गई शिक्षा को सब कुछ क्यों मानते हैं वह तो पृथ्वी, प्रकृति को नष्ट-भ्रष्ट करने का ज्यादा काम करते हैं हम सनातन को समझें यह सनातन संस्कृति के कार्य प्रकृति प्रदत्त हैं जो सदैव रहेंगे।
सूबे सिंह सुजान
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चित्र में सूबे सिंह सुजान अपने स्कूल के बच्चों के साथ पौधा लगाते हुए।