गुरुवार, 4 अगस्त 2011

किशोर की याद में गीत

कितनी बातें दबा रक्खी हैं दिल में
जिनके कारण हूँ आज मुश्किल में

तुमको जब भी मैंने सोचा
फिर अपने दिल को खोजा
...तुम थी, दिल गुम था.
ये क्या रोडा अटका मेरी मंजिल में.........तुमको..

धरती पर हूँ चाँद को देखने के लिये

बता चाँद पर जाऊं मैं किसलिये
धरती भी है चाँद भी है तुम भी हो
ताकि तुम रहो हर पल साहिल में......तुमको...........

सूबे सिहं सुजान

किशोर जी की याद में उनकी तर्ज में ये गीत भी गुनगुनओ.....

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें