#आइए #हिन्दी #सुधारें
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हिन्दी लिखने वाले अक़्सर 'ई' और 'यी' में, 'ए' और 'ये' में और 'एँ' और 'यें' में जाने-अनजाने गड़बड़ करते हैं...।
कहाँ क्या इस्तेमाल होगा, इसका ठीक-ठीक ज्ञान होना चाहिए...।
जिन शब्दों के अन्त में 'ई' आता है वे संज्ञाएँ होती हैं क्रियाएँ नहीं...
जैसे: मिठाई, मलाई, सिंचाई, ढिठाई, बुनाई, सिलाई, कढ़ाई, निराई, गुणाई, लुगाई, लगाई-बुझाई...।
इसलिए 'तुमने मुझे पिक्चर दिखाई' में 'दिखाई' ग़लत है...
इसकी जगह 'दिखायी' का प्रयोग किया जाना चाहिए...।
इसी तरह कई लोग 'नयी' को 'नई' लिखते हैं...।
'नई' ग़लत है , सही शब्द 'नयी' है...
मूल शब्द 'नया' है , उससे 'नयी' बनेगा...।
क्या तुमने क्वेश्चन-पेपर से आंसरशीट मिलायी...?
( 'मिलाई' ग़लत है...।)
आज उसने मेरी मम्मी से मिलने की इच्छा जतायी...।
( 'जताई' ग़लत है...।)
उसने बर्थडे-गिफ़्ट के रूप में नयी साड़ी पायी...।
('पाई' ग़लत है...।)
अब आइए 'ए' और 'ये' के प्रयोग पर...।
बच्चों ने प्रतियोगिता के दौरान सुन्दर चित्र बनाये...।
( 'बनाए' नहीं...। )
लोगों ने नेताओं के सामने अपने-अपने दुखड़े गाये...।
( 'गाए' नहीं...। )
दीवाली के दिन लखनऊ में लोगों ने अपने-अपने घर सजाये...।
( 'सजाए' नहीं...। )
तो फिर प्रश्न उठता है कि 'ए' का प्रयोग कहाँ होगा..?
`ए' वहाँ आएगा जहाँ अनुरोध या रिक्वेस्ट की बात होगी...।
अब आप काम देखिए, मैं चलता हूँ...।
( 'देखिये' नहीं...। )
आप लोग अपनी-अपनी ज़िम्मेदारी के विषय में सोचिए...।
( 'सोचिये' नहीं...। ) नवेद! ऐसा विचार मन में न लाइए...।
( 'लाइये' ग़लत है...। )
अब आख़िर (अन्त) में 'यें' और 'एँ' की बात...
यहाँ भी अनुरोध का नियम ही लागू होगा...
रिक्वेस्ट की जाएगी तो 'एँ' लगेगा , 'यें' नहीं...।
आप लोग कृपया यहाँ आएँ...।
( 'आयें' नहीं...। )
जी बताएँ , मैं आपके लिए क्या करूँ ?
( 'बतायें' नहीं...। )
मम्मी , आप डैडी को समझाएँ..।
( 'समझायें' नहीं..। )
अन्त में सही-ग़लत का एक लिटमस टेस्ट...
एकदम आसान सा...
जहाँ आपने 'एँ' या 'ए' लगाया है , वहाँ 'या' लगाकर देखें...।
क्या कोई शब्द बनता है ?
यदि नहीं , तो आप ग़लत लिख रहे हैं...।
आजकल लोग 'शुभकामनायें' लिखते हैं...
इसे 'शुभकामनाया' कर दीजिए...।
'शुभकामनाया' तो कुछ होता नहीं ,
इसलिए 'शुभकामनायें' भी नहीं होगा...।
सही शब्द शुभकामनाएं होगा ।
'दुआयें' भी इसलिए ग़लत हैं और 'सदायें' भी...
'देखिये' , 'बोलिये' , 'सोचिये' इसीलिए ग़लत हैं क्योंकि 'देखिया' , 'बोलिया' , 'सोचिया' कुछ नहीं होते...।
राज नवादवी