रविवार, 27 नवंबर 2011

गजल-जल से संसार है

जल से संसार है,जल से संसार है
दोस्तो जल ही जीवन का आधार है
जल ही जीवन है यह सबको मालूम है,
फिर भी हमको समझने की दरकार है..

... जल बचाना तो जीवन बचाना हुआ,
इस तरह जल हमारा ही परिवार है..
जल बचाना लहू दान करना हुआ,

जल बचाना भी जीवन का विस्तार है..
अपनी संतानों से प्यार करते रहो,
जल बचाना तो बच्चों पर उपकार है..
पशु,पक्षी,आदमी सबमें ही जल के प्रति,

आदमी का ही चिंतनीय व्यवहार है

....................सूबे सिहं सुजान.............

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