शनिवार, 9 जुलाई 2011

sujanसुजान: गजल

sujanसुजान: गजल: "गगन में कोहरा छाया हुआ है के सूरज फिर से घबराया हुआ है समाकर इन दुखों ने मेरे अन्दर, मुझे पत्थर सा चमकाया हुआ है बनाकर सूली अपने वादों ..."

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