sujankavi
my poetry मेरी गजलें और कवितायें
शनिवार, 9 जुलाई 2011
sujanसुजान: गजल
sujanसुजान: गजल
: "गगन में कोहरा छाया हुआ है के सूरज फिर से घबराया हुआ है समाकर इन दुखों ने मेरे अन्दर, मुझे पत्थर सा चमकाया हुआ है बनाकर सूली अपने वादों ..."
2 टिप्पणियां:
seema Khokhra
14 जुलाई 2011 को 10:42 pm बजे
nice one
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sube singh sujan
14 जुलाई 2011 को 11:33 pm बजे
धन्यवाद सीमा जी,
आपके हौंसले की दाद देता हूँ
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nice one
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सीमा जी,
जवाब देंहटाएंआपके हौंसले की दाद देता हूँ