my poetry मेरी गजलें और कवितायें
सब काम प्रकृति करती है। मनुष्य जितने भी काम करता है वह सब प्रकृति की प्रक्रिया पर करता है वह सब काम प्रकृति का हिस्सा है।
मनुष्य जितने काम करता है जैसे काम करता है प्रकृति उसको वैसा ही परिणाम देती है।
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