पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष समिति साइकिल यात्रा हरियाणा में निकाल रही है जब एक दिन हम भी उसमें भाग लेने गए तो आँखों देखा हाल बयां करने से न रहा गया। संगठन के तमाम पदाधिकारियों ने कहा था कि हम तीन से चार हज़ार लोग स्वागत में खड़े होंगे लेकिन सामने जाकर देखने पर पता चला कि वहां पेंशन की मांग को लेकर अत्याधुनिक तकनीक से लैस वाहन ज़्यादा संख्या में खड़े थे इसके विपरीत लोग बहुत कम थे ऐसा लगा कि जैसे पुरानी पेंशन इन वाहनों, कार, मोटरसाइकिल,एक्टिवा व बड़े बड़े बंगले व कोठियों को चाहिए और इसलिए ये वाहन अपनी मांग करने के लिए जुटे थे। लोगों में एक प्रतिशत महिलाएं थी और नियानवें प्रतिशत घर पर उन एक प्रतिशत का मज़ाक़ उड़ाने में मशगूल रही। पुरुष की संख्या भी 8 प्रतिशत के आसपास रही और सभी सम्मानित पदाधिकारी अपने अपने मन में राजनेता होने का भ्रम और अहम दोनों पालकर सीने को फुला कर चल रहे थे तो वहीं जितने लोग स्वागत में खड़े थे वह केवल अपनी अपनी फोटो उतारने के लिए जद्दोजहद में ज्यादा मशगूल थे जैसे ही फोटो उतरी तो उनका पता नहीं चलता था कि किस रास्ते से गए हैं कुछ फोटो सोशल मीडिया पर ऐसी भी दिखाई दी जो अपने घर के आसपास ही ली गईं थीं और स्टेटस पर जगह पा रही थी लेकिन इसके बावजूद जितने भी लोग पहुंचे सब पेंशन योजना लागू होने से आस्वस्त दिखाई दे रहे थे। इस क्रम में विपक्षी दलों के एम एल ए व नेता आकर बहुत प्रसन्न दिखाई दे रहे थे उनको जैसे घर बैठे सर्वोत्कृष्ट व्यंजन मिल गया था और हम सब पेंशन योजना लागू होने की खुशी में देर रात तक घर लौटते हुए अपनी भूमिका पर बहुत खुश हो रहे थे।
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