my poetry मेरी गजलें और कवितायें
डोर रेशम की नहीं, भाई बहन का प्यार है
सत्य पथ का साथ दो,कहता यही त्योहार है।
स्वार्थों को छोड़कर, भाई बहन ये सोच लो,
आपसे जुड़कर बनेगा,देश का विस्तार है।
धर्म ही कर्तव्य है,इस अर्थ को पहचान लो,
यह सनातन संस्कृति, संस्कार का आधार है।
सूबे सिंह सुजान
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