my poetry मेरी गजलें और कवितायें
बिना भावना कोई रिश्ता नहीं है
मगर भावना का दिखावा नहीं है।
जमे बर्फ अच्छी,तो पिघले भी अच्छी,
नदी क्या बनेगी,जो झरना नहीं है।
सूबे सिंह सुजान
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