सड़क किनारे लगे पेड़,
जिनके ऊपर से बिजली की तारें गुजरती हैं।
पहले उनकी ऊपर से झंगाई की गई
फिर कईं बार बिजली ने करंट मारा,
फिर कुछ सूख गए
फिर कुछ काट दिए गए।
धीरे धीरे सड़क किनारे
अब बिजली के खंभे दिखाई देते हैं।
जी सुजान जी,मुझे अनाम कवि की एक पंक्ति कभी नहीं भूलती--- नागफनी के स्वागत में बगिया कटी गुलाब की///
यही हाल रास्ते पर खड़े पेड़ों का है।आधुनिकता के वैभव के बीच उनकी दुर्दशा और दयनीयता को एक सुजान कवि ही समझ सकता है।पेड़ों के मर्म और दुख को संवेदनशील हृदय ही अनुभव कर सकता है।हार्दिक शुभकामनाएं।🙏🙏
जी सुजान जी,मुझे अनाम कवि की एक पंक्ति कभी नहीं भूलती---
जवाब देंहटाएंनागफनी के स्वागत में बगिया कटी गुलाब की///
यही हाल रास्ते पर खड़े पेड़ों का है।आधुनिकता के वैभव के बीच उनकी दुर्दशा और दयनीयता को एक सुजान कवि ही समझ सकता है।पेड़ों के मर्म और दुख को संवेदनशील हृदय ही अनुभव कर सकता है।हार्दिक शुभकामनाएं।🙏🙏
जी हां।
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही कहा आपने।
सटीक टिप्पणी