रविवार, 21 नवंबर 2021

ग़ज़ल-अपशब्दों का विरोध करो

 अपशब्दों का विरोध करो,तुम डरो नहीं,

ताक़त का अपनी,बोध करो,तुम डरो नहीं।


ख़ामोशी भी कभी-कभी ताक़त दिखाती है,

आवाज़ों पर भी शोध करो,तुम डरो नहीं।


आओ पदाधिकारी समस्याएं हल करें,

हम साथ साथ, शोध करो, तुम डरो नहीं।


ऊंचे पदों के नाम से अहंकार से भरे,

अहंकारियों पे क्रोध करो, तुम डरो नहीं।

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