sujankavi
my poetry मेरी गजलें और कवितायें
गुरुवार, 2 नवंबर 2017
लोग सारे जमा हो गये
इसलिये हादसा हो गये
सच यहाँ बोलते बोलते
लोग मुझसे खफ़ा हो गये
SUBE SINGH SUJAN
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