परिचय
हम परिचित व अपरिचित को
बिना मांगे ही बेहद झूठा
अपना परिचय देते हैं
यह जानते हुए भी कि सामने वाले को पता है कि तू झूठा कह रहा है ।
फिर भी हम बढ़ चढ़ा कर अपन परिचय देने में लगे रहते हैं
सबको,सबका,सब पता है ।
फिर भी .....
सूबे सिंह सुजान
हम परिचित व अपरिचित को
बिना मांगे ही बेहद झूठा
अपना परिचय देते हैं
यह जानते हुए भी कि सामने वाले को पता है कि तू झूठा कह रहा है ।
फिर भी हम बढ़ चढ़ा कर अपन परिचय देने में लगे रहते हैं
सबको,सबका,सब पता है ।
फिर भी .....
सूबे सिंह सुजान
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