sujankavi
my poetry मेरी गजलें और कवितायें
बुधवार, 13 मार्च 2024
ग़ज़ल - प्यार किसी से करके देखा। सूबे सिंह सुजान
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हद से आगे बढ़ के देखा प्यार किसी से करके देखा इस दुनिया में जीता हूं और इस दुनिया में मर के देखा बच पाया न कभी मरने से लाख दफा यूं बच क...
सोमवार, 11 मार्च 2024
आपसे दोस्ती असाधारण
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आदमी, आदमी असाधारण हर किसी की खुशी असाधारण। आपसे दोस्ती असाधारण फिर हुई दुश्मनी असाधारण। सूबे सिंह सु जान
गुरुवार, 22 फ़रवरी 2024
रक्तदान।महादान।
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रक्तदान। महादान। तीस बार कर चुके सूबे सिंह सुजान।
बुधवार, 21 फ़रवरी 2024
जन्मदिन मनाना है। ग़ज़ल -सूबे सिंह सुजान
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तेरी खुशी के लिए जन्मदिन मनाना है तेरी खुशी ही मेरे जीने का बहाना है। पता नहीं मुझे तारीख़, क्या महीना था, खुशी की बात है दुनिया में आना जा...
सोमवार, 19 फ़रवरी 2024
सब अपनी ओर रवाना हैं।
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सब जीवों की दिन रात की दौड़ सिर्फ़ अपनी ओर आकर्षित करने की है और इसका वास्तविक रूप परमात्मा है।अर्थात हम सब जीवों की दौड़ परमात्मा की ओर है...
शुक्रवार, 16 फ़रवरी 2024
वैचारिक और बौद्धिक गुंडागर्दी।
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कवि अभ्यास से नहीं हो सकते हैं कवि प्राकृतिक रूप से होता है। प्रोफेसर होना अलग बात है और कवि होना अलग बात है। मैंने बहुत से प्रोफेसर को कवि...
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कवि प्राक्रतिक होता है।
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कुछ कवि ऐसे होते हैं जो कवि सम्मेलन आयोजित करवाते रहते हैं उनके स्वयं को और अन्य कवियों की प्रतिभा को निखारना आता है वह सबको अवसर देते हैं...
2 टिप्पणियां:
सोमवार, 15 जनवरी 2024
जन्म से हर कोई सवाली है।
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जन्म से हर कोई सवाली है बुद्धि से कोई भी न ख़ाली है। उसने पगड़ी अगर उछा ली है, फिर तो वो आदमी मवाली है। सूबे सिंह सुजान
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