sujankavi
my poetry मेरी गजलें और कवितायें
शनिवार, 5 जुलाई 2025
वायु की दिशाएं रोग व निदान तय करती हैं।
›
वायु की दिशाएं रोग व उनके निदान तय करती हैं। एक भारतीय किसान हवा के दिशाओं की ओर से बहने के लाभ व हानि को सदियों से जानते हैं और उनका अपनी ...
रविवार, 29 जून 2025
लेखकों की कामुकता के किस्से बहुत प्रचलित हैं। सुशोभित
›
मैं जब भी इस तरह के वाक्य सुनता हूँ तो अचरज में पड़ जाता हूँ कि "साहित्यकार होकर भी ऐसा लम्पट-कृत्य?" तब मेरे मन में प्रश्न उठता...
गुरुवार, 26 जून 2025
प्रणय निवेदन करना पुरुष का अधिकार है। सुशोभित
›
प्रणय-निवेदन करना पुरुष का स्वाभाविक अधिकार है! जब तक कि उसमें दबाव न हो, भयादोहन न हो, विवशता का लाभ उठाने की भावना न हो, बलात्-चेष्टा न ...
शनिवार, 19 अप्रैल 2025
हमाम में सब नंगे हैं।यह जुमला बड़ा झूठ है।
›
*हमाम में सब नंगे??? यह जुमला बहुत बड़ा झूठ है* दरअसल यह जुमला अपने आप को बचाने के लिए ही कहा गया होगा। कैसे सबको एक जैसा कह सकते हैं ऐसा कभ...
शुक्रवार, 18 अप्रैल 2025
सरकारी स्कूल बनिस्बत प्राईवेट स्कूल, समाज की खोखली सोच
›
सरकारी संस्थाओं को सब लोग कुछ मूल्य नहीं देते और प्राईवेट को अपने जिगर निकाल कर दे देते हैं। एक बच्चे को लेकर उसकी मां सरकारी स्कूल में आई ...
गुरुवार, 17 अप्रैल 2025
किसान भारत का अन्नदाता है। लेकिन स्त्री अन्नपूर्णा है।
›
ख़ुद को किसानों का हमदर्द समझने वाले अपने भाई सुजान की सेवा में विनम्र निवेदन । बड़े ज़ोर-शोर से प्रचारित और महा-झूठ से प्रेरित अन्ध-विश्व...
सच पत्थर होते हैं
›
सारे सच होते हैं कोई पत्थर, और पत्थर हज़म नहीं होते । सूबे सिंह सुजान
सोमवार, 24 मार्च 2025
चापलूसी में प्रतिस्पर्धा कवियों की।
›
एक कवि सम्मेलन में एक संचालक महोदय बीच में नीचे आए और मेरे पास बैठ कर कुछ कवियों के नाम पूछे कि कौन कौन से हैं जो अभी नहीं पढ़ पाए मैं जानत...
साहित्यकार भी बेहद झूठ बोलते हैं
›
कविता पढ़ना और समझना आज के दौर में बहुत कठिन है क्योंकि कविता में क्या कहा गया है और क्यों कहा गया है यह समझना एक युवा के लिए ज़्यादा पेचीद...
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें