बुधवार, 27 अप्रैल 2022

सार्वजनिक क्षेत्रों को बचाने के लिए सरकार को काम करना सबसे पहले चाहिए।

सुबह सुबह एक प्राइवेट स्कूल की वैन गांव के बीचोबीच तंग रास्ते पर एक बच्चे के बिल्कुल घर के सामने रुकी,बच्चा बिठाया, बच्चे की माता खुश कि उसका बच्चा सुरक्षित। दस कदम के बाद दूसरे घर के आगे रुकी और फिर तीसरे घर... और वैन की पीछे दस बारह मोटरसाइकिल,एक कार, टैक्टर ट्राली आगे निकलने के इंतजार में परेशान थे। अब इस दृश्य का आंकलन कीजिए अनेकों वाहनों से वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण लगातार हो रहा है। जीवन में यदि एक मिनट के लिए आक्सीजन न मिले तो जीवन समाप्त हो सकता है अर्थात सबसे ज़रूरी आक्सीजन है भोजन से भी पहले। लेकिन हमारी अव्यवस्था ने, सुविधाओं के ढोंग ने पर्यावरण,व बच्चों का जीवन नर्क कर दिया है। जो बच्चा जितना ज्यादा सुविधा में बचपन जीएगा वह उतना कम सीख पाएगा। जबकि दूसरी तरफ प्रत्येक गांव में सरकार ने सरकारी स्कूली शिक्षा का प्रबंध किया है । परंतु हम दोगुना पर्यावरण नष्ट कर रहे हैं हम समय का सदुपयोग नहीं कर पा रहे शिक्षा का सदुपयोग नहीं कर पा रहे ।व्यवस्था को दुरह बना दिया गया है। सार्वजनिक शिक्षा ही सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक, पर्यावरण की हितैषी हो सकती है। अलग अलग सुविधा देना एक तरह से अलग अलग वर्ग तैयार करना है जो सामाजिक समरसता,देश की एकता को खंडित करती है। देश भर में एक पाठ्यक्रम, एक जैसी सुविधाएं, एक जैसी सरकारी स्कूली शिक्षा का पैटर्न होना अति आवश्यक है।

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