शनिवार, 5 फ़रवरी 2022

मानव इतिहास यादाश्त का गठजोड़ है।

 यादाश्त एक युद्ध की तैयारी होती है।


मनुष्य हर तरह की यादों को याद रखने से ही हर काम में आगे बढ़ता है।

मानव इतिहास या किसी भी विषय का इतिहास यादाश्त का गठजोड़ मात्र है और यह यादों का गठजोड़ ही हमें जीवन की निरंतरता देता है, जीवन ही नहीं बल्कि भौतिक विज्ञान, सुविधाएं, साहित्य, कलाओं, संस्कृति सब तरह की निरंतरता यादें ही देती हैं।

जो कठोर यादें होती हैं वह याद रखना और भी ज्यादा ज़रूरी होती हैं लेकिन मानव स्वभाव इस बारे उलट काम करता है वह बुरी या कठोर यादों को जल्दी भूलने की कोशिश करता है लेकिन कभी भूला भी नहीं पाता और भूलने की बेवजह कोशिशों में समय बर्बाद करता रहता है।

जबकि बुरी व कठोर यादें हमारे ज्यादा काम आती हैं वह हमें नया सीखने को तैयार करती हैं वह हमें किसी भी काम के होने से पहले आगाह करती हैं कि आने वाले समय में पुनः ऐसी कठोरता आने से पहले आप उसको समय पर सटीक जवाब दे सकते हैं या आप उससे सामना करने को तैयार रह सकते हैं और अपने लिए सहायक अवसर तलाश कर सकते हैं।


युद्ध श्रेत्र में सैनिक इसी प्रकार काम करते हैं वह अपनी की हुई गलतियों को याद रखते हैं और अपनी क्षमताओं को विकसित करते हैं।

हर क्षेत्र में इसी प्रकार उन्नति होती आई है।

जीवन को प्रेरणा कटु यादों से मिलती है जिस व्यक्ति ने अपने जीवन को जितना ज्यादा कठोरता से जीया है वह उतना ज्यादा कठिनाइयों का सामना कर पाया है और अन्य मानवों के लिए एक रास्ता तैयार करके गया है जिससे मनुष्य को सीखने का अवसर मिला है।

लेकिन अपने जीवन में हर मनुष्य को हर काम या व्यवहार स्वयं सीखना व करना पड़ता है परन्तु आसानी यही होती है कि पहले से मनुष्यों द्वारा किए गए कार्यों का लिखित, विकसित कार्य मौजूद होता है जिससे वह जल्दी सीख पाता है और उस पहले किए गए कार्यों में और अपने द्वारा किए गए कार्यों को जोड़ देता है।

यही मानवता का इतिहास है।

यादाश्त मनुष्य का मनौवैज्ञानिक विषय है और इस विषय पर मनुष्य कम काम करता है जबकि अन्य विज्ञानों पर ज्यादा काम करता रहा है

और सच्चाई यह है कि हर काम व विज्ञान को सुविधाजनक बनाने के लिए या बेहतर करने के लिए मनौवैज्ञानिक रूप से संवेदनशील होना जरूरी है यही मनौवैज्ञानिक विषय हर विज्ञान या कार्य के पीछे काम करता है।

2 टिप्‍पणियां:

  1. इस विषय को इतना अच्छा केवल आप ही लिख सकते है सुजान जी। कमाल का article

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  2. कृषा जी बहुत बहुत आभार व धन्यवाद।
    आपने विषय को पढ़ कर अपनी उपयुक्त टिप्पणी दी है इसके लिए आभार।

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