my poetry मेरी गजलें और कवितायें
सारे सच , झूठ के ऊपर टिके हुए हैं।
अगर मैं सच के नीचे से,
झूठ को निकाल दूं,
तो सच गिर कर टूट जाएगा।
सोचने पर मज़बूर करती ये पोस्ट बेहद ख़ूबसूरत व बिल्कुल हटके 👌👌
आपने इस पंक्ति का मर्म पहचाना है। इसके अर्थ बहुत व्यापक हैं। आपका हार्दिक धन्यवाद
क्या बात है कविवर !
धन्यवाद जी।
बहुत बहुत आभार जी।आपकी टिप्पणी उत्साहित करती हैं
सोचने पर मज़बूर करती ये पोस्ट बेहद ख़ूबसूरत व बिल्कुल हटके 👌👌
जवाब देंहटाएंआपने इस पंक्ति का मर्म पहचाना है। इसके अर्थ बहुत व्यापक हैं। आपका हार्दिक धन्यवाद
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जवाब देंहटाएंधन्यवाद जी।
हटाएंबहुत बहुत आभार जी।
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