शनिवार, 21 दिसंबर 2019
मौत डरती है ।
माँ मौत को बुलाती है
सारे देवी व देवताओं को पुकारती है
कहती है मुझे मारो
मुझे ले जाओ
लेकिन माँ के देवी व देवता पत्थर में रहते थे
उनके टुकड़े करके लोग
एक दूसरों को मार रहे थे
मानवता को चोट लग रही थी
मानवता मर रही थी
मानवता को मौत आ गई
लेकिन माँ के हर रोज बुलाने पर भी मौत नहीं आती
माँ अपने जीवन की पिछली सब
घटनाओं को याद करती है
कभी रोती है
कभी सख्त तेवर में
देवताओं को कोसती है ।
दर्द जिंदा है
दवाइयाँ बेअसर हैं
दर्द के हर प्रकार माँ देख चुकी है
माँ के दर्द के अनुभवों को कोई लेना नहीं चाहता
लेकिन जब दर्द आएगा तो सबको लेना ही पड़ता है ।
जीवन में कोई कितना भी सख्त, मजबूत रहा हो
लेकिन सब किसी न किसी समय बहुत डरते हैं
कोई भी सबके साथ एक सा व्यवहार नहीं कर पाता
मौत सबसे क्रूर होने के बावजूद भी डरती है
मैंने देखा है
माँ से,मौत डरती है
माँ से,मौत डरती है ।।
सूबे सिंह सुजान
Touching
जवाब देंहटाएंनमस्ते, यह वास्तविक है अनुभवों से अर्जित है
हटाएंधन्यवाद
जी धन्यवाद
जवाब देंहटाएंलेकिन आखिर मौत आती ही है और आई है।मां को मौत 14 जून 2021 को आई है
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