शनिवार, 16 जुलाई 2011

छह मई2001

झूठ की योजना विस्तार नही ले सकती
झूठ कोई भी पुरस्कार नही ले सकती
मर नही सकती जमाने से कभी सच्चाई,
झूठ सच का कभी अधिकार नही ले सकती
तुम अगर कोई कदम आगे बढाओगे नही,
कल्पना कोई भी आकार नही ले सकती
प्यार कायम है जमाने में हमेशा के लिये,
प्यार की जगह को तलवार नही ले सकती
प्यार के बदले तुझे प्यार मिलेगा मुझसे,
दिल दुखाकर मेरा तू प्यार नही ले सकती...
...............................सूबे.....सिहं...........सुजान................

2 टिप्‍पणियां:

  1. A lie told by many and consistely becomes a truth in the eyes of others and prevails on the actual truth. This is what media is used for... the beautifully written stories based on hearsy and woven on lies and presumptions even win rewards and awards

    जवाब देंहटाएं
  2. रमनिश जी, आपके विचारों को जहाँ तक समझा हूँ , बहुत खुशी का अनुभव कर रहा हूँ। आपकी प्रतिक्रिया पाकर हर्ष हो रहा है।

    जवाब देंहटाएं