हमें अपनी ताक़त दिखाने लगे हैं
चुनावों से पहले डराने लगे हैं।
बुरों को सही, जो बताने लगे हैं
ये माहौल कैसा बनाने लगे हैं?
चुनावों के पीछे वो क्या क्या करेंगे,
अभी से जो लड़ने लड़ाने लगे हैं।
वो जनता को कल कैसा आराम देंगे
सड़क बंद करके दिखाने लगे हैं।
अरे आम लोगों ज़रा ध्यान रखना,
इधर कौन बदमाश आने लगे हैं।
कलम के सिपाही भी अब भेष बदले,
हमें इस समय आज़माने लगे हैं।
सूबे सिंह सुजान
कवि गोष्ठी |
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