my poetry मेरी गजलें और कवितायें
स्वतंत्रता की सारी कोशिशों के बावजूद हर कोई किसी न किसी के अधीन होता है। जब मनुष्य अपने आप को बिल्कुल आजाद करने में सफल कर पाता है तो वह फिर लौटकर आता है और किसी न किसी के आश्रय में जाकर ज़्यादा संतुष्टि पाता है।
सूबे सिंह सुजान
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