क्या आपके दिल में है,बता क्यों नहीं देते ?
पर्दे को निगाहों से उठा क्यों नहीं देते ?
यह किसलिये अहसान के नीचे है दबाया?
मुझको मेरी कमियों की सज़ा क्यों नहीं देते ?
कुछ गलतियाँ करवाती हैं मज़बूरियाँ सबसे
तुम तो हो बड़े गलती भुला क्यों नहीं देते?
हालाँकि सराबोर मुहब्बत से हूँ लेकिन
मौसम ये बहारों के मज़ा क्यों नहीं देते?
यह कौन भला शख्स मेरे पीछे पड़ा है
सब पूछते हैं मुझसे,बता क्यों नहीं देते ?
जिस शख़्स को आँखों में मुहब्बत से छुपाया
उस शख्स को दुनिया से मिला क्यों नहीं देते ?
यह दर्द महब्बत का मुहब्बत के लिए है
इस दर्द को तुम और बढ़ा क्यों नहीं देते ?
ए सुजान कभी सामने रोना न किसी के
सीने में हुआ जख़्म दिखा क्यों नहीं देते ?
सूबे सिंह "सुजान",कुरूक्षेत्र हरियाणा
पर्दे को निगाहों से उठा क्यों नहीं देते ?
यह किसलिये अहसान के नीचे है दबाया?
मुझको मेरी कमियों की सज़ा क्यों नहीं देते ?
कुछ गलतियाँ करवाती हैं मज़बूरियाँ सबसे
तुम तो हो बड़े गलती भुला क्यों नहीं देते?
हालाँकि सराबोर मुहब्बत से हूँ लेकिन
मौसम ये बहारों के मज़ा क्यों नहीं देते?
यह कौन भला शख्स मेरे पीछे पड़ा है
सब पूछते हैं मुझसे,बता क्यों नहीं देते ?
जिस शख़्स को आँखों में मुहब्बत से छुपाया
उस शख्स को दुनिया से मिला क्यों नहीं देते ?
यह दर्द महब्बत का मुहब्बत के लिए है
इस दर्द को तुम और बढ़ा क्यों नहीं देते ?
ए सुजान कभी सामने रोना न किसी के
सीने में हुआ जख़्म दिखा क्यों नहीं देते ?
सूबे सिंह "सुजान",कुरूक्षेत्र हरियाणा
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