शुक्रवार, 14 सितंबर 2012

धूप का बोझ……..

धूप का बोझ सर पर उठा कर चला………..

देखिये वो बडा हौंसला कर चला…………….

मैं वफा की इबादत करूँ कब तलक,   

बेवफा तू मुझे बेवफ़ा कर चला……….सुजान

2 टिप्‍पणियां:

  1. कृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...
    वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
    डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो NO करें ..सेव करें ..बस हो गया .

    संजय कुमार
    हरियाणा
    http://sanjaybhaskar.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं